10+भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं |Loan kitne Prakar ke hote hai

नमस्कार, अगर आप नहीं जानते की भारतीय Bank में लोन कितने प्रकार के होते हैं ?  लेकिन आप Loan ke Prakar के बारे में जानकारी प्राक्त करना चाहते है तो इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको  Loan Kitne Prakar Ke Hote Hai (Types Of Loan In India) उसका पूरा जानकरी दिया है. इसलिए आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर बढे.

Loan kitne Prakar ke hote hain - types of loan in Hindi

जैसा की आप लोगो को मालूम होगा की आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक (Bank) या फिर financial institute से आप Loan ले सकते है. लेकिन लोन लेने पर लोन को मर्यादि समय के अन्दर वह पैसा लौटना होता है, आपने जिस भी Bank या financial institute लोन लिया है उसे ब्याज सहित पैसा चुकाना होता है. ऐसा नहीं करने पर बैंक legal कार्यवाही कर सकत है.

भारत में लगभग सभी bank loan देते है, लेकिन क्या आपको पता है की लोन कितने प्रकार के होते हैं. किसी भी Bank या financial institute में Loan Apply करने से पहले आपको बैंक लोन के प्रकार के बारे में पता होना चाहिए, क्योकि की बैंक कई तरह के लोन देते हैं, जिसके बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहे है.

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लोन कितने प्रकार के होते हैं ? (Loan Kitne Prakar Ke Hote Hai)

लोन के प्रकार की बात करे तो भारत में Bank विभिन प्रकार के लोन उपलब्ध कराती है. लेकिन टाइम पीरियड के हिसाब से तीन प्रकार लोन होते है 1. शॉर्ट टर्म लोन (Short Term Loan) 2. मीडियम टर्म लोन (Medium-Term Loan) 3. लौंग टर्म लोन (Long Term Loan)

सुरक्षा के आधार पर दो प्रकार के लोन होते है 1 .सुरक्षित लोन (Secured Loan) और 2. असुरक्षित लोन (Unsecured Loan)

लेकिन इसके अलावा भी कई तरह के लोन होते है जो Bank और financial institute ज़रूरतों के हिसाब से लोगो को लोन उपलब्ध कराते है. इन सभी loans का time period अलग-अलग होता है और Loan ke Prakar भी अलग होते है. इसलिए इन सभी प्रकार के लोन के बारे में हमने विस्तार निचे जानकरी दी है.

टाइम पीरियड के अनुसार लोन के प्रकार (Types of Loans by Time Period)

1.  शॉर्ट टर्म लोन (Short Term Loan) 

Short Term Loan को Bank और financial institute कम समय के लिए लोन देती है इसमें लोन को लौटाने का समय एक साल से कम होता है लेकिन कई बैंक का अलग-अलग टाइम पीरियड हो सकता है.

कुछ Bank या लोकल लोन देने वाली कंपनी 6 महीने से लेकर 1 साल के अन्दर लोन के साथ साथ ब्याज का पैसा भी लौटना होता है, लेकिन कई बैंक शार्ट टर्म लोन का भी  टाइम पीरियड  2 साल तक देती है.

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2. मीडियम टर्म लोन (Medium-Term Loan)

Medium-Term Loan में पैसे लौटाने का समय 1 साल से लेकर 3 साल या 5 साल के बीच होता है. लेकिन लोन को चुकाने का समय Bank या लोन देने वाली कंपनी पर निर्भर करता है. 

3. लौंग टर्म लोन (Long Term Loan)

Long Term Loan को bank लम्बे समय के लिए देता है, इसमें लोन का पैसा लौटने के समय 5 साल से अधिक होता है.

हमें असा है की टाइम के आधार पर लोन कितने प्रकार के होते हैं उसका जानकारी आपको अच्छा लगा होगा, अब हम सुरक्षा के अनुसार Loan Kitne Prakar Ke Hote Hai वह जानेगे।

सुरक्षा के अनुसार लोन के प्रकार (Types of Loans as per Security)

1 .सुरक्षित लोन (Secured Loan) 

इसमें लोन लेने के लिए आपको किसी प्रॉपर्टी को Security के आधार पर बैंक या लोन देने वाली कंपनी के पास जमा करनी पड़ती है.

ये प्रापर्टी में आप अपना जमीन, घर, गोल्ड, सिक्योरिटी पेपर जैसे फिक्सड डिपाजिट, इंश्योरेन्स पाॅलिसी, म्युचल फंड, शेयर आदि रख सकते है.

अगर आप लोन को चूका नहीं पाते है तो bank या लोन देनार कंपनी आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम यानि बेच कर अपने लोन का पैसा वसूल कर लेती है. लेकिन सुरक्षित लोन पर ब्याज, असुरक्षित लोन से काफी कम होती है.

2.असुरक्षित लोन (Unsecured Loan)

असुरक्षित लोन लेने के लिए आपको कोई भी प्रॉपर्टी Secured के आधार पर जमा करने की जरुरत नहीं है. यह लोन को लेने के लिए आपके बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और पिछले लोन लोन के रिकार्ड वगेरे देख कर सब कुस सही होने पर बैंक आपको असुरक्षित लोन दे देता है.

Unsecured Loan में बैंक आपको व्यक्तिगत लोन, क्रेडिट कार्ड पर लोन, एजुकेशन लोन, बैंक ओवरड्राफ्ट, बिज़नेस के लिए लोन वगेरे शामिल होते है. 

इसमें लोन देनार के पास लोन रिकवरी के लिए कोई Security जमा नहीं होती है, इसी कारण इस तरह के लोन पर ब्याज दर काफी ज्यादा होता है.

भारत में Bank Loan के प्रकार (Types of Bank Loans in India in Hindi)

1. पर्सनल लोन (Personal Loan)

पर्सनल लोन का मतलब होता है खुद के लिए लिया गया लोन, जब भी आपको पैसोंं की जरूरत हो तो आप पर्सनल लोन ले सकते है. यह पर्सनल कामों के लिए लिया जाता है जैसे की बच्चों की स्कूल फीस देना, कर्ज चुकाना, घूमने जाना, इलाज कराना, कोई महंगी गिफ्ट या घर का कोई समान खरीदना हो आदि… 

पर्सनल लोन को लेने के लिए आपको Security जमा करने की जरूआर नहीं होती है, आपके क्रेडिट स्कोर और सैलरी के आधार पर ही आपको Bank loan दे देता है. लेकिन इसमे ब्याज दर अन्य लोन के मुताबिक अधिक होता है और पर्सनल लोन पांच साल तक के लिए मिल सकता है.

2. होम लोन (Home Loan)

घर खरीदने या बनाने के लिए जो लोन लिया जाता है उसे Home Loan कहते हैं और आप घर के अलावा रजिस्ट्रेशन स्टांप ड्यूटी का खर्च और भी बहुत सारे खर्च को जोड़ कर आप बैंक में Loan Apply कर सकते है.

होम लोन के लिए Bank आपको घर बनाने के कुल खर्च का 75% से 85% तक की लोन देता है,  बाकि पैसो की व्यवस्था आपको खुद करनी होती है. और लोन को चुकाने का समय 5 साल से लेकर 20 साल तक का होता है.

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होम लोन लेने के लिए बैंक आपसे ब्याज के अलावा कई तरह की फीस लेता है जैसे की प्रोसेसिंग फीस, लीगल फीस, असेसमेंट फीस आदि… 

3. गोल्ड लोन (Gold Loan)

आपको अपने सोने (Gold) को गिरवी रख कर मिलने वाला लोन Gold loan कहते है, इस तरह के लोन में गोल्ड की क्वालिटी और उसकी वेल्यु के हिसाब से लोन यानि पैसा दिया जाता है. वैसे आम तोर बैंक आपकी गोल्ड की प्राइस का 80% रकम आपको लोन के रूप में देता है.

गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन के अंदर आता है, इसलिए इसमें ब्याज दर Personal loan के मुताबीक कम होता है और Gold loan आपको आसानी से मिल जाता है. Gold Loan देने वाली बहुत सी कंपनी मार्केट में मौजूद है जैसे की  Muthoot finance, Manappuram finance आदि…  और बैंक में SBI, HDFC, ICIC आदि…

4. कॉरपोरेट अथवा बिसनेस लोन (Corporate and Business Loan)

कॉरपोरेट अथवा बिसनेस लोन आप तब  ले सकते है जब आपको कोई नया व्यवसाय सुरु करना हो या अपने व्यापार को बढ़ने के लिए पैसो की जरुरत होती। इसमें लोन की रकम काफी ज्यादा होती है इसलिए जब बैंक रिलायंस इंडस्ट्रीज, विजय माल्या, रतन टाटा, टाटा बिरला जैसे बड़े लोगों को लोन देता है तो वह कॉरपोरेट लोन अथवा बिसनेस लोन कहलाता है.

इस प्रकार की लोन के लिए पहले बैंक 55 % loan पास कराती थी लेकिन अब RBI की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक अपनी कोर कैपिटल (Core Capital) का 25% ही लोन पास कर सकते है। 

5. एजुकेशन लोन (Education Loan)

बच्चो की पढाई के लिए स्कूल, कालेज आदि की फीस जमा यानि भरने के लिए Bank Education Loan देता है. लेकिन बैंक हर स्टूडेंट को लोन नहीं देती उसी स्टूडेंट को देती है जो वापस करने की क्षमता रखता हो. लोन को वापस करने की क्षमता को दो तरह से देखता है.

पहल स्टूडेंट के माता पिता या गार्जियन की इनकम को देखा जाता है और दूसरा लोन लेने वाले स्टूडेंट किस कॉलेज यूनिवर्सिटी में पढाई  करने के लिए जा रहे है, उसका परफॉर्मेंस कैसा है, पढ़ाई पूरी होने के बाद लोन चूका सके। इसके अलावा एक गारंटर की जरुरत होती है यह रिश्तेदार भी हो सकता है.

6. प्रॉपर्टी लोन (Property Loan)

प्रॉपर्टी लोन वह लोन होता है जो Bank आपकी प्रापर्टी के कागजात को गिरवी रखकर लोन देता है. यह लोन बैंक के द्वारा एक सुरक्षित लोन माना जाता है क्योकि की इसमें आप लोन चुकाने में असमर्थ हो तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करके लोन का पैसा वसूल कर लेता है.

प्रॉपर्टी लोन में आपको अपनी प्रापर्टी के बाजार भाव का 40 % से 50 % तक लोन मिल जाता है और यह लोन ज्यादा से ज्यादा 15 साल के लिए के लिए बेक देता है.

7. वाहन अथवा कार लोन  (Vehicle Loan)

यदि आप कोई वाहन खरीदना चाहते है और बाहन खरीदने के लिए बैंक से पैसे लेते है उसे Vehicle Loan कहते हैं. वाहन लोन आपलो फिक्स या फ्लोटिंग रेट यानि ब्याज दर पर दिया जाता है. फिक्स ब्याज दर का मतलब होता है की उस समय जो ब्याज दरचल रहा है उसी दर में आपको पूरा लोन चुकाना होता है और फ्लोटिंग ब्याज दर में आपो समय समय पर ब्याज घटता या बढ़ता है तो आपको उस हिसाब से Vehicle Loan चुकाना होता है. 

Vehicle Loan में आप जब तक पूरा लोन की रकम बैंक को वापस नहीं करते तब तह कार या कई वाहन का मिलकाना हक़ बैंक के पास रकता है.

8. खेती पर लोन (Agriculture Loan)

Agriculture Loan किसानो ने मौसमी खेती कार्यों या संबंधित गतिविधियों जैसे पसु उचेर, मछली पालन या खेती के लिए कृषि साधनोनी खरीदी जैसे सोलर पंप सेट के लिए लोन मिल जाता है. इस प्रकार की लोन खातर, जंतुनाशक दवा आदि ख़रीदे में भी मदद करता है.

कृषि लोन आपको बैंक आसानी से दे देता है. इसमें ब्याज दर 7% के आसपास हो सकता है और 4 % के अन्दर इसकी प्रोसेसिंग फ्री बैंक वसूलता है.

9. अन्य लोन के प्रकार (Other loan types in hindi)

भारतीय बैंक में ऊपर बताये गए लोन के प्रकार के अलावा भी बहुत तरह हे लोन होते है जो बैंक आपको देता है वह आप निचे देख सकते है.

  • फ्लेक्सी लोन (Flexi Loan
  • व्यापारी ऋण (merchant credit
  • फिस्क्स डेपोसिड लोन (fixed deposit loan)
  • कार्यशील पूंजी लोन  (working capital loan)
  • निर्माण के लिए ऋण (loan for construction)
  • महिला व्यापार लोन  (women entrepreneur loan)
  • कंज्यूमर लॉन्ग बिल लोन (Consumer Durable Loan)
  • नकद ऋण ऋण (सीसी ऋण) (Cash Credit Loan (CC Loan))
  • MSMEs के लिए लघु व्यवसाय लोन (Small Business Loans for MSMEs)

Conclusion:

अब आप जान गए होंगे की लोन कितने प्रकार के होते हैं ? (types of loan in Hindi) और लोन के बारे में पूरा जानकरी दिया है. बैंक लोन में बहुत से प्रकार होतो है जो समय के साथ बदलते है. अगर आपको कुस और जानना हो तो हमें कॉमेट करके बता सकते है. हम जरूर जवाब देने का प्रयास करेंगे।

यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ Shere जरूर करे और आपका कोइ सवाल या सुझाव हो तो हमें Comment Box मे बता सकते है. धन्यवाद

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